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Toggleप्रत्येक भोजन के बाद अपने दांतों को ब्रश करें
Brush Your Teeth After Each Meal क्योंकि दांतों की समस्याऐं आम हैं और इनमें कई तरह की बीमारियां शामिल हैं। दांतों की बीमारियों का सही समय पर उपचार न करवाने पर ये गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। यहां हम दॉंतों की प्रमुख बीमारियों और उनके उपचार के बारे में चर्चा करेंगे।

1- कैविटी (गड्ढे)
कैविटी, जिसे दाँतों में गड्ढा होना भी कहा जाता है, दाँतों के इनेमल की क्षति से होती है। यह आमतौर पर शर्करा और बैक्टीरिया के कारण होता है। यह किसी भी दॉंंत की सतह शुुरू पर हो सकती है। दॉंतों में सड़न किसी भी उम्र में हो सकती है यह बच्चों में आम है। कैविटी दॉंतों की सभी परतों को प्रभावित कर सकती है।आप जितनी जल्दी कैविटी का इलाज करेंगे आपके दॉंतों के स्वस्थ होने के संभावना उतनी अधिक रहेगी।
उपाय::
- दांतों की सफाई: दिन में दो बार दाँतों को ब्रश करना।
- फ्लॉस का उपयोग: ब्रश के साथ-साथ फ्लॉस करना।
- डेंटिस्ट के पास नियमित चेकअप: हर 6 महीने में डेंटिस्ट से जांच करवाना।
2- मसूड़ों की बीमारी (गम डिजीज)
मसूड़ों की बीमारी आपके दॉंतों पर मौजूद बैक्टीरिया (रोगाणुओं) से शुरू होती है जो समय के कुछ समय बाद आपके मसूड़ों के नीचे चले जाते हैं। यह समस्या मसूड़ों की सूजन और संक्रमण से होती है। शुरुआती चरहै, और यदि इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह पीरियोडोंटाइटिस में बदल सकता है। इसलिये Brush Your Teeth After Each Meal क्योंकि ये मसूड़ों में संक्रमण का कारण बन सकता है।
उपाय:
- दांतों और मसूड़ों की सफाई: सही तरीके से ब्रश करना और फ्लॉस करना।
- मसूड़ों की मालिश: संवेदनशील मसूड़ों के लिए हल्की मालिश करना।
- डेंटल चेकअप: नियमित रूप से डेंटिस्ट से जांच करवाना।

3- दाँतों का दर्द
दांत की जड़ के आसपास की नसों में कोई समस्या उत्पन्न होने से दॉंतों मे दर्द शुरू हो जाता है यह दर्द बैक्टीरिया के संक्रमण, कैल्शियम की कमीं या कमजोर मसूड़ों जैसे कारणों, या दॉंतों की संवेदनशीलता के कारण हो सकता है। कभी यह दर्द झटके के रूप में महसूस होता है तो कभी लगातार महसूस होता है और कभी कभी तो यह दर्द जबड़े तक बढ़ जाता है। अगर दर्द मामूली हो तो घर पर ही इसका इलाज किया जा सकता है।
उपाय:
- गर्म या ठंडी संपीड़न: दर्द को कम करने के लिए।
- दर्द निवारक दवाएँ: जैसे आईबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन।
- डेंटिस्ट से सलाह: अगर दर्द स्थायी हो तो तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करें।
4- दाँतों की संवेदनशीलता
कुछ लोगों को गर्म या ठंडे खाद्य पदार्थों के संपर्क में आने पर दाँतों में तेज दर्द महसूस होता है। कुछ लोगों को गर्म या ठंडे खाद्य पदार्थों के संपर्क में आने पर दाँतों में तेज दर्द महसूस होता है। यह स्थिति आमतौर पर तब होती है जब आपके दाँतों की अंतर्निहित परत – नलिकायें – उजागर हो जाती है जिसके कारण गर्म, ठंडे या अम्लीय पदार्थ दॉंत के गूदे के अंदर नसों और कोशिकाओं तक पहुंचने लगते हैं और ऐसा दॉंतों के घिसाव और टूटफूट और मसूड़ों के ऊतकों का आपके दांतों से दूर होने के कारण हो सकता है।
उपाय:
- संवेदनशीलता कम करने वाले टूथपेस्ट का उपयोग: ऐसे टूथपेस्ट से दाँतों की संवेदनशीलता कम की जा सकती है।
- डेंटिस्ट की सलाह: संवेदनशीलता के कारणों का पता लगाने के लिए।
5- दाँतों की रंगत में बदलाव (Change in the color of teeth)
दाँतों का रंग पीला या भूरे रंग का हो सकता है, वे पीले या कम चमकीले दिखाई दे सकते हैं या उनमें सफेद या गहरे धब्बे हो सकते हैं, जो उम्र, खाने-पीने की आदतों या धूम्रपान, चोट खराब स्वच्छता और कुछ खाद्य तथा पेय पदार्थ एवं दवाओं के कारण प्रभावित होता है और ये आपके दॉंतों की चमक और रंगत को बदलने का कारण बन सकता है।
उपाय:
- व्हाइटनिंग टूथपेस्ट का उपयोग: दाँतों को सफेद करने के लिए।
- डेंटल प्रोफेशनल से सफेदी करवाना: यदि घरेलू उपायों से सुधार नहीं हो रहा है।

6- दाँतों का टूटना
दाँतों के टूटने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि आमतौर पर चोट या खाने की चीजों के कारण हो सकता है, खेल के दौरान दांतों के किसी कठोर चीज को काटने का प्रयास करना। इसके अलावा जिन लोगों को दांतों को पीसने या जकडने की आदत होती है, जो कि अक्सर नींद या तनाव के समय होती है इस स्थिति में दांतों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिस कारण समय के साथ उनमे दरार या फैक्चर हो जाता है। लंबे समय तक बुक्सिज्म की वजह से दांतों की सतह घिस जाती है और दांतों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
उपाय:
- दाँतों का सही ख्याल रखना: हार्ड फूड्स से बचना।
- डेंटिस्ट से संपर्क करना: टूटी हुई जगह को ठीक कराने के लिए।
7- दाँतों की पीरियोडोंटाइटिस
यह मसूड़ों की एक गंभीर बीमारी, यह एक जीवाणु संक्रमण है जिसमें मसूड़ों और हड्डियों का संक्रमण होता है। यह दाँतों को कमजोर कर सकता है और अंततः दाँतों के गिरने का कारण बन सकता है। मसूड़ों की सूजन का इलाज न किये जाने पर पीरियोंडोंटाइटिस हो सकता है। यह मसूड़ों की रेखा के ऊपर और नीचे प्लाक बैक्टीरिया के जमाव की वजह से होता है। इस बीमारी से आपके दांतों को सहारा देने वाली वाली हड्डी को नष्ट कर सकता है. इससे दांत ढीले हो जाते हैं और अंततः गिर जाते हैं. वयस्कों में दांतों के झड़ने का मुख्य कारण पेरिओडोंटाइटिस है। इसलिये Brush Your Teeth After Each Meal क्योंकि ये पीरियोडोंटाइटिस का कारण बन सकता है।
- रूट प्लानिंग और स्केलिंग: डेंटिस्ट द्वारा किया जाने वाला प्रोसीजर।
- एंटीबायोटिक्स का उपयोग: डेंटिस्ट द्वारा संक्रमण के उपचार के लिए
निवारक उपाय :
दाँतों की स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए कुछ निवारक उपाय किए जा सकते हैं:
- सही डाइट: शर्करा और तेज खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
- हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी पीना।
- दाँतों की नियमित सफाई: सुबह और रात में ब्रश करना।
- सालाना चेकअप: दाँतों की नियमित जांच करवाना।
इन सभी उपायों को अपनाकर दाँतों की स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। यदि कोई समस्या हो तो तुरंत डेंटिस्ट से संपर्क करें। दाँतों का सही ख्याल रखना न केवल मौखिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समग्र स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। इसलिये Brush Your Teeth After Each Meal क्योंकि ये दांतों की बीमारी का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष
प्रत्येक भोजन के बाद अपने दांतों की सफाई करें, ऐसा करना दांतों की सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दांतों को कीटाणु, बैक्टीरिया और खाद्य कणों से मुक्त करता है, जिससे दांतों में सडन और मसूड़ों की सूजन जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। दांतों का नियमित सफाई मुंह की दुर्गंध को भी रोकता है और दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखता है। इसके अलावा, इससे दांतों पर प्लाक जमने से बचाव होता है, जो कैविटी और अन्य दंत समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, यह आदत जीवनभर बनाए रखना चाहिए।
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Frequently Asked Question
दांतों को हर भोजन के बाद ब्रश करना चाहिए ताकि खाद्य कण और बैक्टीरिया हट जाएं, जिससे दांतों की समस्याओं से बचा जा सके।
हां, नियमित रूप से दांतों को ब्रश करने से मसूड़ों की सूजन में आराम मिल सकता है, क्योंकि यह बैक्टीरिया को खत्म करता है और मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखता है।
हां, रात में ब्रश करना बहुत जरूरी है क्योंकि दिनभर के खाने के बाद मुंह में बैक्टीरिया और प्लाक जम जाते हैं, जिससे दांतों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।