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ToggleDiseases Of Old Age बुजुर्गों (elderly persons) के 10 मुख्य रोग और उनका निदान:
Diseases Of Old Age बुजुर्गों (elderly person) में कई तरह के रोग आम होते हैं, जिनका समय पर निदान और उपचार आवश्यक है। इस लेख में हम बुजुर्गों में होने वाले कुछ प्रमुख रोगों, उनके लक्षण्, निदान और उपचार के बारे में चर्चा करेंगे।

1. हृदय रोग:
45 वर्ष या इससे अधिक उम्र के पुरूषों तथा 55 वर्ष् एवं इससे अधिक उम्र की महिलाओं में ह्रदय रोग का जोखिम अधिक होता है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ साथ ह्रदय की मांसपेश्यिों के आकार में वृद्धि होती जाती है तथा धमनियां अपना लचीलापन खो देती हैं जिससे रक्त वाहिकाऐं कठोर हो जाती हैं जो जोखिम का कारक हैं। जब ह्रदय कठोर या मोटा हो जाता है तो ह्रदय को रक्त पंप करना मुश्किल हो जाता है। मोनोपॉज के बाद महिलाओं में ह्रदय रोग का खतरा बढ़ जाता है तथा इस दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। Diseases Of Old Age ह्रदय रोग की संभावना बुजुर्ग अवस्था में काफी अधिक हो जाती है।
ह्रदय रोग के लक्षण:
- सीने में दर्द या दबाव
- सांस लेने में कठिनाई
- थकान और कमजोरी
निदान:
- ई.सी.जी. (ECG)
- इकोकार्डियोग्राफी
- रक्त परीक्षण (कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स)
उपचार :
- दवाएं (बेटा-ब्लॉकर्स, एसीई इनहिबिटर्स)
- जीवनशैली में परिवर्तन (संतुलित आहार, व्यायाम)
- सर्जरी (जरूरत के अनुसार)
2. मधुमेह: (डायबिटीज)
- रक्तचाप में बहुत ज्यादा ग्लूकोज का संचार होने से किसी भी प्रकार का मधुमेह होता है
- 45 साल की उम्र के बाद टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है तथा 60 से 75 साल के लोगों में भी डायबिटीज ज्यादा हो सकती है।
- वजन बढ़ना, निष्क्रिय रहनेे की आदत या निष्क्रिय जीवन शैली, तनाव एवं फैमिली हिस्ट्री भी मधुमेह का कारण हो सकती है।Diseases Of Old Age उम्र बढने के साथ भी इस रोग की संभावना बढ जाती है।
- मधुमेह के लक्षण :
- अत्यधिक प्यास
- बार बार पेशाब आना
- थकान
- 45 वर्ष की उम्र के बाद टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है तथा 60 सेे 75 साल की उम्र में डायबिटीज ज्यादा हो सकती है।
निदान:
- रक्त शर्करा परीक्षण
- एचबी 1सी टेेेस्ट
उपचार:
- इन्सुलिन या ओरल हाइपोग्लासेमिक दवायें
- आहार नियंत्रण
- नियमित व्यायाम
3. उच्च रक्तचाप : (हाइपरटेंशन)
वृद्ध लोगों में उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन एक आम स्वास्थ्य समस्या है उम्र बढ़ने के साथ धमनियां सख्त हो जाती हैं जिससे रक्तचाप बढ़ने लगता है। 70 वर्ष की आयु में रक्तचाप को 144/87 mmgh रखनेे की सलाह दी जात है। हाई ब्लडप्रेशर के कारण दिल, दिमांग, किडनी और आंखें खराब होने लगती हैं। यह बीमारी इन चार अंगों को ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। Diseases Of Old Age वृद्धावस्था में यह स्वास्थ्य समस्या अधिक जटिल हो जाती है।
लक्षण:
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- धड़कन में तेजी


निदान:
- रक्तचाप की माप
- रक्त परीक्षण (कोलेस्ट्रॉल और गुर्दे की कार्यप्रणाली)
उपचार :
- एंटीहाइपरटेंसिव दवाएं
- आहार में कमी (नमक का सेवन कम करना)
- नियमित व्यायाम Diseases Of Old Age में यह स्वास्थ्य समस्या अधिकांशत: उत्पन्न होती है।
4. गठिया : (अर्थराइटिस)
बुजुर्ग अवस्था में गठिया होने की एक बहुत बड़ी वजह मोटापा है। वजन ज्यादा होने पर खासकर घुटनों, कूल्हों औेर रीढ़ की हडडी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यह अतिरिक्त् दबाव ऑस्टियो आर्थराइटिस का कारण बन सकता है और अगले पहले से ही जोड़ों की कोई समस्या हो तो उसे खराब कर सकता है।
लक्षण:
- जोड़ों में दर्द और सूजन
- सुबह उठने पर stiffness
निदान :
- एक्स-रे
- रक्त परीक्षण (रूमेटाइड फैक्टर, सी-रेएक्टिव प्रोटीन)
उपचार :
- एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाएं
- फिजियोथेरेपी
- नियमित व्यायाम
5. ऑस्टियोपोरोसिस-
ये हडडी रोग का सबसे आम प्रकार है, इसमें हड्डी टूटने की संभावना बढ़ जाती है, यह रोग तब होता है जब हड्डी का द्रव्यमान नष्ट हो जाता है। इस रोग में ऐंसा कुछ महसूस भी नहीं होता है कि जिससे इस रोग का संकेत मिल सके ।
लक्षण:
- हड्डियों में कमजोरी
- फ्रैक्चर की संभावना बढ़ना
निदान :
- बोन डेंसिटी टेस्ट
- एक्स-रे
उपचार :
- कैल्शियम और विटामिन D सप्लीमेंट्स
- व्यायाम (वज़न उठाने वाले व्यायाम)

6. डिमेंशिया-
डिमेंशिया वह स्थिति होती है जब व्यक्ति की मस्तिष्क की कार्यक्षमता में कमीं होने लगती है। इससे पीड़ित लोगों की सोचने, याद रखने और तर्क करने की क्षमता कम हो जाती है। डिमेंशिया के कारण न्यूरॉन्स और उनके कनेक्शन ठीक से काम करना बंद कर देते हैं।
लक्षण-
- याददाश्त में कमी
- सोचने में कठिनाई
- व्यवहार में परिवर्तन
निदान :
- न्यूरोलॉजिकल परीक्षण
- मानसिक स्थिति परीक्षण
उपचार :
- दवाएं (डोनपेज़िल, रिवास्टिग्माइन)
- संज्ञानात्मक थेरेपी
Diseases Of Old Age में यह स्वास्थ्य समस्या अधिकांशत: उत्पन्न होती है।
7. अवसाद (डिप्रेशन)
वृद्ध लोगों में अवसाद के प्रमुख कारण खराब शारीरिक स्वास्थ्य, सामाजिक अलगाव, अपनों का बिछोह व धनहानि हो सकती है।
लक्षण:
- उदासी और निराशा
- गतिविधियों में रुचि की कमी
- नींद में बदलाव
निदान :
- मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन
- प्रश्नावली (जैसे बीक डिप्रेशन इन्वेंटरी)
उपचार :
- एंटीडिप्रेसेंट दवाएं
- मनोचिकित्सा (काउंसलिंग)
- सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी
8. दृष्टि समस्याएं (जैसे मोतियाबिंद)-
40 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों में मोतियाबिंद होने का खतरा अधिक होता है। उम्र बढ़ने के साथ साथ मोतियाबिंद का जोखिम भी बढ़ जाता है लेकिन जो लोग धम्रपान करते हैं, मधुमेह से पीडित हैं या उनके परिवार में मोतियाबिंद का इतिहास रहा हो तो उनमें मोतियाबिंद होने का जोखिम अधिक होता है।
लक्षण:
- धुंधला देखना
- रंगों में अंतर
निदान :
- आंखों की जांच
- विज़न टेस्ट
उपचार :
- सर्जरी (मोतियाबिंद के लिए)
- चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस
Diseases Of Old Age में यह स्वास्थ्य समस्या अधिकांशत: उत्पन्न होती है।
9. सुनने की समस्याएं (हियरिंग लॉस) :
सुनने की समस्या 50 या 60 वर्ष् के बाद कभी भी शुरू हो सकती है क्योंकि इस उम्र में कान के परदे कमजोर हो जाते हैं।
लक्षण:
- आवाज़ों को सुनने में कठिनाई
- बातचीत में भाग लेने में परेशानी
निदान :
- ऑडियोमेट्री परीक्षण
उपचार :
- सुनने की मशीन
- सुनने की थेरेपी
10. पाचन समस्याएं :
अन्य बीमारियों के साथ साथ पाचन संबंधी रोग भी बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति को प्रभावित करता है। बुजुर्गों में पाचन विकारों के रूप में पेट फूलना, कब्ज, गैस या मलत्याग करते समय ढीला या बेढ़ंगा मल होना जैसी परेशानियां होती हैं।
लक्षण:
- गैस, एसिडिटी
- कब्ज़ या दस्त
निदान :
- गैस्ट्रोस्कोपी
- अल्ट्रासाउंड
उपचार :
- आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाना
- दवाएं (एंटासिड्स, लैक्टोल्स)
निष्कर्ष :
उपरोक्त किसी भी समस्या के लिये जरूरी चिकित्सीय परामर्श् ले। बुजुर्गों में रोगों का निदान और उपचार समय पर करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। नियमित स्वास्थ्य जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना इन रोगों के जोखिम को कम कर सकता है। परिवार और caregivers को भी बुजुर्गों की स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, ताकि वे समय पर उपचार प्राप्त कर सकें। Diseases Of Old Age में यह स्वास्थ्य समस्याऐं अधिकांशत: उत्पन्न होती है।
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Frequently Asked Question
वृद्धावस्था में कुछ सामान्य बीमारियाँ जिनका सामना अक्सर लोग करते हैं, उनमें हृदय रोग (Heart Disease), हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension), ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis), डायबिटीज़ (Diabetes), और अल्जाइमर (Alzheimer’s disease) शामिल हैं। ये बीमारियाँ उम्र बढ़ने के साथ शरीर में होने वाली प्राकृतिक बदलावों के कारण होती हैं और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं।
वृद्धावस्था में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ जैसे डिमेंशिया (Dementia), अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s Disease), और डिप्रेशन (Depression) आम होती हैं। इन समस्याओं का कारण मस्तिष्क के कार्यों में गिरावट, हार्मोनल बदलाव, और सामाजिक-भावनात्मक तनाव हो सकते हैं। समय रहते इलाज और देखभाल से इन समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।