KIDNEY KO SWASTH RAKHEN

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1. संतुलित आहार :

KIDNEY KO SWASTH RAKHEN और किडनी को स्‍वस्‍थ् बनाये रखने के लिये संतुलित और पौष्टिक आहार बनाए लेना आवश्यक है। इसके लिये हमें फलों, सब्ज़ियों, होल ग्रेन, और हैल्दी फैट जैसे एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और मिनरल से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। किडनी को नुकसान पहुंचाने वाजे पदार्थ जैसे प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, शुगर युक्त पेय और अत्यधिक रेड मीट से बचना जरूरी है, क्योंकि ये सभी किडनी को नुकसान पहुँचा सकते हैं । 

KIDNEY KO SWASTH RAKHEN
KIDNEY KO SWASTH RAKHEN

2. ब्लड शुगर को नियंत्रित करना :

मधुमेह की बीमारी से ग्रसित लोगों में गुर्दों की बीमारी होने का खतरा सबसे अधिक होता है। मधुमेह के कारण शरीर में पर्याप्‍त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनती और रक्‍त में शर्करा की मात्रा अधिक होने से नेफ्रान को पूरे रक्‍त को फिल्‍टर करने के लिये अधिक मेहनत करनी पडती है और इससे गुर्दों को नुकसान पहुंचता है। मधुमेह के कारण छोटी छोटी रक्‍त कोशिकाऐं क्षतिग्रस्‍त हो जाती हैं जिसके कारण गुर्दे शरीर के रक्‍त को ठीक तरह से साफ नहीं कर पाते। अतः यह आवश्‍यक है कि यदि आप मधुमेह से पीडित हैं तो मधमेह का नियंत्रित् रखेंं ताकि आपकी किडनी हैल्‍दी बनी रहे।

3. रक्तचाप पर ध्यान दें :

खाने पीने की अस्‍वस्‍थ्‍कर आदतें, मोटापा और तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या पैदा हो सकती है। उच्‍च रक्‍तचाप के कारण गुर्दे की रक्‍त वाहिकाऐं संकीर्ण और संकुचित हो सकती हैं। और गुर्दे शरीर से अपशिष्‍ट पदार्थों को बाहर निकालने में अक्षम हो सकते हैं एक नार्मल ब्‍लड प्रेशर 120/80 के बीच होना चाहिये। अतः यह आवश्‍यक है कि अपने रक्‍तचाप को सामान्‍य रखें और अपनी KIDNEY KO SWASTH RAKHEN.

4. धूम्रपान और शराब से बचें :

अत्‍यधिक शराब पीने से किडनी खराब हो सकती हैं। धूम्रपान और शराब के अत्‍यधिक सेवन से शरीर में विषाक्‍त पदार्थों का निर्माण होता है ये विषाक्‍त और अपशिष्‍ट पदार्थ गुर्दे द्वारा ही फिल्‍टर किये जाते हैं जो कि मूत्र मार्ग से बाहर निकलते हैं। ये अपशिष्‍ट और विषाक्‍त पदार्थ जितनी अधिक मात्रा में हमारे शरीर में निर्मित होंगे गुर्दों को इन्‍हे हमारे शरीर से बाहर निकालने के उतना अधिक श्रम करना पडेगा और गुर्दों पर अधिक दबाव पडेगा। धूम्रपान की आदत हमारी रक्‍त् कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है ।

5. तरल पेय का सेवन करें :

प्रतिदिन 8 से 10 ग्‍लास या लगभग 2 लीटर पानी पीकर आप अपने वजन और शरीर के अन्‍य अंगों को नियंत्रित कर उन्‍हे स्‍वस्‍थ बनाये रख सकते हैं। पर्याप्‍त मात्रा में पानी पीने से हमारे गुर्दे पथरी बनाने वाले पदार्थों को पतला कर उन्‍हे शरीर से बाहर निकलकर किडनी स्‍टोर की समस्‍या से बचाते हैं। पानी हमारे शरीर के लिये अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण है। हाइेड्रेटेड रहकर शरीर से अपशिष्‍ट और विषाक्‍त पदार्थों को बाहर निकलकर अपनी किडनी को स्‍वस्‍थ रखें ।

6. स्वस्थ् मन:स्थिति बनायें :

तनाव का किडनी सहित आपके संपूर्ण शरीर पर हानिकारक प्रभाव पडता है। इसलिये यह आवश्‍यक है कि आप अपनी मानसिक स्थिति को स्‍व्‍स्‍थ बनाये रखें इसके लिये आप बहुत सी तकनीकों का सहारा ले और अपनी किडनी को स्‍वस्‍थ् रखें आप अपको कुछ पसंदीदा कार्यो में अपने को रखें, जैसे  खेल और विश्राम जैसे तकनीकों को सहारा लें और कुछ समय निकालकर अपने दोस्‍तों के साथ मौज मस्‍ती और गपशप करें। तनाव दूर करने के लिये योग और ध्‍यान एक बहुत अच्‍छा माध्‍यम है।

7. प्रतिदिन व्यायाम करें :

नियमित व्‍यायाम हमारे शरीर को फिट रखने में सहायक होता है और यह क्रोनिक किडनी रोग के जोखिम को कम करता है तथा किडनी को स्‍वस्‍थ्‍ भी बनाता है। प्रतिदिन का व्‍यायाम मधुमेह, हाई ब्‍लडप्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी कम कर रक्‍त परिसंचरण में सुधार करने के साथ ही इससे वजन को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। अत: अपनी जीवनशैली में नियमित रूप से व्‍यायाम को  शामिल करें और अपनी KIDNEY KO SWASTH RAKHEN.

8. सीमित मा्त्रा में नमक का सेवन करें :

नमक के सेवन से मूत्र में प्रोटीन की मात्रा बढ् जाती है और इससे किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है । अत्‍यधिक नमक का सेवन हाई ब्‍लडप्रेशर का कारण बनता है। जरूरत से ज्‍यादा नमक खाने से सेहत बुरी तरह प्रभावित होती है। नमक में साडियम की मात्रा अधिक होने से यह उच्‍चरक्‍तचाप का कारण बनकर किडनी को प्रभावित करता है। सेंधा नमक किडनी रोग के रोगियों के लिये उपयुक्‍त माना गया है। इसलिये कम सोडियम या बिना नमक वाले लेबल वाले पैकेज्‍ड खादय पदार्थ चुने।

9. दर्द निवारक दवाओं का सीमित सेवन करें :

जरूरत से ज्‍यादा पेनकिलर्स आपके लिये घातक सिद्ध हो सकती है तथा इससे लीवर तथा किडनी खराब हो सकती हैं। ज्‍यादा पेनकिलर्स खाने से पेट एवं आंतों में भी समस्‍या उत्‍पन्‍न्‍ हो सकती है। लंबे समय तक रोजाना इनमें से एक या इनका मिश्रण लेने से क्रोनिक किडनी की समस्‍या तक उत्‍पन्‍न हो सकती है। अत: मेडिकल स्‍टोरों के काउंटर पर मिलने वाली दर्द निवारक दवाओं से बचें और अपनी KIDNEY KO SWASTH RAKHEN.

10. आयरन युक्त खादय पदार्थों का सेवन करें :

आयरन की कमीं से एनीमियां हो सकता है तथा किडनी रोग से पीडित लोगों में भी आयरन का स्‍तर कम हो सकता है। शरीर को लाल रक्‍त कोशिकाऐं बनाने के लिये पर्याप्‍त मात्रा में आयरन की आवश्‍यक्‍ता होती है । आयरन वैसे भी संपूर्ण शरीर के लिये आवश्‍यक होता हैअत: आयरन को उचित मात्रा में अपने आहार में शामिल करेंें।

11. नियमित अंतराल पर किडनी स्वास्‍थ्‍य जांच कराते रहें :

यदि आपको मधुमेह या उच्‍च रक्‍तचाप है तो हर साल किडनी स्‍वास्‍थ्‍य जांच कराना चाहिये । धूम्रपान करने वालों को या जिनके परिवार में किडनी रोग का इतिहास रहा है उन्‍हे हर 2 साल में किडनी स्‍वास्‍थ्‍य की जांच कराना चाहिये।

निष्‍कर्ष :

किडनी का सबसे महत्‍वपूर्ण कार्य मूत्र के रूप में हमारे शरीर से अतिरिक्‍त तरल पदार्थों तथा अपशिष्‍ट को बाहर निकालना होता है। गुर्दे शरीर की अत्‍य आवश्‍यक साम्रगी के संतुलन को नियत्रित करते है। किडनी को स्‍वस्‍थ्‍ बनाये रखने के लिये संतुलित आहार लेना, मधुमेह को नियंत्रित करना, व्‍यायाम करना महत्‍वपूर्ण उपाय हैं जो हमारे गुर्दों को स्‍वस्‍थ् बनाये रखते हैं।

Frequentky Asked Question

आयुर्वेद में किडनी की बीमारियों का इलाज विभिन्न जड़ी-बूटियों, आहार, और जीवनशैली में सुधार के माध्यम से किया जाता है। कुछ आयुर्वेदिक उपचार जैसे गिलोय, ब्रह्मी, तुलसी, निशी आदि किडनी के कार्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं, लेकिन यह जरूरी है कि आप आयुर्वेदिक उपचार के साथ डॉक्टर से परामर्श लें, खासकर यदि बीमारी गंभीर हो।

हां, अत्यधिक और नियमित रूप से शराब (अलकोहल) का सेवन किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है। शराब का सेवन किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि यह रक्तचाप बढ़ाने, शरीर में पानी की कमी, और गुर्दे के फिल्टरिंग सिस्टम पर दबाव डालने का कारण बन सकता है। अधिक समय तक शराब पीने से किडनी की समस्या जैसे क्रॉनिक किडनी डिजीज़ (CKD) हो सकती है।

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