Mud therapy benefits natural healing treatment guide

Spread the love

Mud therapy benefits natural healing treatment guide –ऐसा माना जाता रहा है कि मानव शरीर माटी का एक पुतला है और माटी से ही शरीर की बीमारियों को दूर किया जा सकता है।   मिट्टी चिकित्सा (Mud Therapy) प्राकृतिक उपचार की एक प्राचीन विधि है, जिसमें मिट्टी का उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज और शरीर को डिटॉक्स करने के लिए किया जाता है। एडोल्‍फ जुस्‍ट को मिट्टी चिकित्सा का जनक माना जाता है उन्‍होने मिट्टी के अनेक प्रयोग करके रोग चिकित्‍सा की, उनकी एक महत्‍वपूर्ण किताब ‘Return to nature’ है। मिट्टी प्राकृतिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे आज भी योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी में अपनाया जाता है। इस लेख में हम मिट्टी चिकित्सा के फायदों, प्रकारों और इसके उपयोग की प्रक्रिया को विस्तार से समझेंगे।

Mud therapy benefits natural healing treatment guide

मिट्टी चिकित्सा क्या है?

मिट्टी चिकित्सा एक प्राकृतिक उपचार प्रणाली है जिसमें शुद्ध और पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी का उपयोग शरीर को आराम, ठंडक और उपचार प्रदान करने के लिए किया जाता है। यह शरीर की अंदरूनी सफाई, सूजन को कम करने और विभिन्न रोगों से राहत दिलाने में सहायक होती है। मिट्टी चिकित्सा में कंकर रहित, साफ-सुथरी,बिना खाद वाली तथा जमीन से 2-3 फीट नीचे की मिट्टी का उपयोग किया जाता है।

मिट्टी चिकित्सा के लाभ

मिट्टी चिकित्सा से अनेक रोगों जैसे कब्‍ज, तनाव संबंधी सिरदर्द, हाई ब्‍लडप्रेशर, मोटापा के साथ ही सभी प्रकार के चर्म रोगों का उपचार किया जाता है। शरीर के अंदर एवं बाहरी रोगों मिट्टी धीरे-धीरे चूसकर उसे बाहर निकालकर पूरी तरह से नष्‍ट कर देती है।

1. शरीर को डिटॉक्स करता है

मिट्टी में प्राकृतिक मिनरल्स होते हैं, जो शरीर से विषैले तत्वों (toxins) को निकालने में मदद करते हैं। यह त्वचा को शुद्ध करता है और रक्त संचार में सुधार लाता है।

2. त्वचा के लिए फायदेमंद

मिट्टी का प्रयोग त्वचा की समस्याओं जैसे एक्ने, झुर्रियां और रैशेज को दूर करने में सहायक होता है। यह त्वचा को नमी प्रदान करता है और उसे स्वस्थ व चमकदार बनाता है।

3. सूजन और दर्द को कम करता है

मिट्टी चिकित्सा गठिया (arthritis), जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों की सूजन को कम करने में कारगर है। यह शरीर को ठंडक प्रदान कर दर्द में राहत देती है।

4. पाचन क्रिया को सुधारता है

मिट्टी चिकित्सा पेट की समस्याओं जैसे कब्ज, एसिडिटी और अपच में मदद करती है। मिट्टी का ठंडा प्रभाव पेट को शांत रखता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है।

5. मानसिक तनाव को कम करता है

मिट्टी चिकित्सा नर्वस सिस्टम को शांत करने में सहायक होती है, जिससे मानसिक तनाव और अनिद्रा (insomnia) की समस्या कम होती है।

मिट्टी चिकित्सा के प्रकार

1. मिट्टी का स्नान (Mud Bath)

मिट्टी स्‍नान चिकित्‍सा के दौरान मिट्टी को पानी में घोलकर पूरे शरीर पर लगाया जाता है और 30-40 मिनट बाद धो लिया जाता है। यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है और त्वचा की अशुद्धियों को निकालता है।

2. मिट्टी की पट्टी (Mud Pack)

मिट्टी की गीली पट्टी को पेट, आंखों या जिस किसी अन्य प्रभावित क्षेत्र पर रखा जाता है यह उस स्‍थान के विकारों को शोषित कर लेती है, यह विशेष रूप से आंखों की जलन, सिरदर्द और पाचन संबंधी समस्याओं में लाभकारी है। इस मिट्टी को तैयार करने की एक विशेष विधि होती है।

3. मिट्टी से मसाज (Mud Massage)

मिट्टी को हल्का गर्म करके शरीर की मसाज की जाती है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। मिट्टी से मसाज करने के लिये मिट्टी को रातभर पानी में गलाकर पेस्‍ट बना लें फिर इस पेस्‍ट को पूरे शरीर पर लगाकर रगड़कर आधे घण्‍टे के लिये धूप में बैठ जायें, मिट्टी सूखने के बाद ठंडे पानी से स्‍नान कर लें।

4. मिट्टी का लेप (Mud Paste)

मिट्टी का लेप घाव, सूजन या त्वचा की समस्याओं पर लगाया जाता है, जिससे तेजी से राहत मिलती है। शरीर पर मिट्टी का लेप लगाने के लिये मिट्टी को छानकर उसे रात भर के लिये पानी में भिगों दें और सुबह उसका पेस्‍ट बनाकर पूरे शरीर पर मलें और आधे घण्‍टे धूप में बैठने के बाद जब मिट्टी सूख जाये तो स्‍नान कर लें।

मिट्टी चिकित्सा करने की विधि

  1. शुद्ध और जैविक मिट्टी चुनें।
  2. मिट्टी को पानी में मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट तैयार करें।
  3. इसे प्रभावित अंगों या पूरे शरीर पर लगाएं।
  4. 20-30 मिनट तक सूखने दें।
  5. हल्के गुनगुने पानी से धो लें।
  6. उपचार के बाद हल्का भोजन करें और अधिक पानी पिएं।

मिट्टी चिकित्सा के लिए सावधानियां

  • मिट्टी चिकित्सा के लिये गंदी और अशुद्ध मिट्टी का उपयोग न करें, क्योंकि यह त्वचा पर एलर्जी या संक्रमण पैदा कर सकती है।
  • बहुत ठंडी या बहुत गर्म मिट्टी का प्रयोग न करें।
  • गंभीर त्वचा रोग या संक्रमण की स्थिति में पहले डॉक्टर से परामर्श लें।
  • मिट्टी चिकित्सा के बाद अधिक ठंडे वातावरण में न जाएं।

निष्‍कर्ष -

मिट्टी चिकित्सा एक प्रभावी और प्राकृतिक उपचार पद्धति है, जो शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करती है। यह त्वचा की समस्याओं से लेकर मानसिक तनाव और पाचन तंत्र को सुधारने तक अनेक तरह से लाभ प्रदान करती है। यदि इसे सही तरीके से अपनाया जाए, तो यह एक बेहतरीन नेचुरल थेरेपी साबित हो सकती है।

Disclaimer:

यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी निर्णय से पहले अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श करें।

Frequently Asked Question

मिट्टी चिकित्सा के लिए शुद्ध, जैविक और रसायन मुक्त मिट्टी का उपयोग किया जाता है, जैसे कि मुल्तानी मिट्टी या नदी की मिट्टी।

हां, यह पूरी तरह से प्राकृतिक और सुरक्षित उपचार है, लेकिन अत्यधिक ठंडी या गंदी मिट्टी के उपयोग से बचना चाहिए।

सप्ताह में 2-3 बार मिट्टी चिकित्सा करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।

हां, यह शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर मेटाबॉलिज्म को सुधारती है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

हां, घर पर आसानी से शुद्ध मिट्टी का उपयोग करके इसे किया जा सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top